Tuesday, March 1, 2016

शायरी

थोड़ा सा हवा के 
रूख को समझलेना 
लेकिन याद रखना 
अपनी ज़िंदगी है 
अपनी तरह ही जी लेना . 

- ज़तिन

जो भी हो अपने अंदर के 
बच्चे को ज़िन्दा रखिए 
वर्ना 
पत्थरों से क्या प्यार करना . 

..... ज़तिन

प्यार आधा ही काफ़ी है 
पुरा मिल गया 
तो कभी कभी 
खतम हो जाता है . 

- ज़तिन

सच कहा आपने 
ज़िंदगी एक खोज है 
जिन्होंने ज़माने को समझने 
की कोशिश की 
ओ ख़ुद खो गए 
.
.
और जिन्होंने ख़ुद को समझ लिया 
उन्हें ज़माना मिल गया . 

- ज़तिन

ज़िंदगी का आरंभ भी शुन्य 
ज़िंदगी का अंत भी शुन्य 
ये सारे सवाल जवाब 
सिर्फ़ जीने के बहाने है . 

.... ज़तिन

तुम ज़िद ना करो जानेकी 
हमारी जान निकल जाती है 
अंधेरा तो पास रहता है 
मगर चाँदनी निकल जाती है . 

... ज़तिन


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